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अब 2 गज की दूरी भी सुरक्षिरत नहीं रही। नयी गाइडलाइन्स जारी।

New corona guidelines Maharashtra , Uttar Pradesh
 
New corona guidelines Maharashtra , Uttar Pradesh

जैसा की आप जानते हैं कि कोरोना महामारी को आये हुए काफी समय हो चूका है।  कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच लोगों को सुरक्षित रखने के लिए मास्क और सोशल डिस्टन्सिंग का सहारा बताया गया था।  कोरोना की वैक्सीन आने के पहले सभी लोग 2  गज की दूरी और मास्क है ज़रूरी जैसे सलाह को मंतर मानते हुए फॉलो करते आये हैं।  हालाँकि ये दूरी कितनी जो इस पर सवाल उठते रहे हैं। इस बिच हाल ही मैं सामने आयी एक गाइडलाइन मैं 6 फ़ीट की दूरी को कोरोना से बचने के लिए उचित दूरी को मानने से नकार दिया गया है।  इसके इलावा अमेरिकन स्वस्थ अधिकारीयो ने पहेली बार स्वीकार किया है कि कोरोना वायरस हवा के ज़रिये भी फेल सकता है।  

तो 6 फ़ीट की दूरी और हवा मैं कैसे फेल रहा है ? आइये जानते हैं। 

भारत सरकार ने कोरोना से बचने के लिए 2 गज यानी 6 फ़ीट की दुरी बनाये रखने की सलाह दी है।  लकिन आपको बता दें ये दुरी भी संक्रमण से बचाव की गैरंटी नहीं देती है।  ताज़ा अमेरिकन रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस हवा मैं 6 फ़ीट की दुरी से भी ज़ादा जा सकता है।  कोरोना वायरस की इस जंग मैं अहम् भूमिका निभा रही अमेरिकन संस्था सेंटर फॉर डिसीसेस कण्ट्रोल एंड प्रिवेंशन यानि (CDP) ने वायरस प्रचार पर एक नयी गाइडलाइन जारी की है।  इससे लेकर अमेरिका मैं नयी गाइडलाइन भी जारी कर दी गयी है।  अब बंद कमरे मैं वायरस ज़ादा खतरनाक हो सकता है और ज़ादा लोगों को संक्रमित भी कर सकता है।  भले ही वह संक्रमित व्यक्ति से 6 फ़ीट से भी ज़ादा दूरी पर खड़े हों।  नयी गाइडलाइन्स मैं बताया गया है की कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा किसी मरीज़ से 3 से 6 फ़ीट मैं सबसे ज़ादा होता है। लकिन कोरोना वायरस हवा मैं 6 फ़ीट से भी ज़ादा दुरी तक जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति से 6 फ़ीट की दुरी पर है , तो हवा मैं भी मजूद वायरस से वह संक्रमित हो सकता है।  जब साँस छोड़ी जाती है तब तरल पदार्थ भी बूंदो के रूप मैं बाहेर आते हैं। 1 से 9 बुँदे वायरस को पहला सकती हैं। ये बूंदे साँस लेने , बोलने , गाने , व्यायाम , खांसी और शिंकने जैसी गतिविदयों के दौरान हवा मैं फैलती है।  सड़क के मुताबिक हमे बड़ी बूंदो से खतरा नहीं है क्यूंकि ये कुछ ही सेकंड मैं हवा मैं ख़तम हो जाती हैं।  लकिन छोटे कण जिनका वज़न काम होता है वह देर तक हवा मैं तैरते रहते हैं।  इस कारण से किसी बंद कमरे मैं इस बीमारी की एक व्यक्ति से दूसरी व्यक्ति मैं फैलने की संम्भावना बढ़ जाती है।  

हलांकि वैक्सीन भी बन चूकी है लकिन इसके साथ साथ हमे दूरी बनाये रखनी है और  साथ मैं मास्क भी लगाना है।  आप आपने आप को जितना सुरक्षित रख सकते हैं उतना ज़रूर रखिये।  

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