कोरोना के केस 3 लाख से निचे आ रहे हैं, लकिन मौतों का आंकड़ा अभी भी चिंताजनक सिथिति पर बना हुआ है। पिछले एक महीने से देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे मैं सवाल बस एक ही है की आखिर कोरोना खतम कब होगा ? और किस तरीक से होगा ? इसका जवाब कोई एक नहीं है , बल्कि दुनिया भर केर विशेष्ज्ञ इस पर लगातार खोज मैं लगे हैं।
दरअसल भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की कमेटी ने गंडित यानी मैथमेटिकल मॉडल के हिस्बा से कोरोना के ख़तम होने का एक अंदाजा या कहे सकते है एक अनुमान लगाया है। इस मॉडल के ज़रिये जो भी जानकारी सामने आयी है उसमें ये खा गया है की जुलाई 2021 मैं कोरोना की दूसरी लहर खतम हो जाएगी। हालाँकि कोरोना से खतरा टल नहीं जायेगा, बल्कि ये वही समय होगा जब कोरोना की अगली लहर की हमे तयारी करनी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कोरोना की अगली लहर 6 से 8 महीनो मैं आ सकती है। ये अंदाजा ३ सदस्यों की कमेटी ने खास मैथमेटिकल मॉडल के ज़रिये बनाया है।
लकिन ये अंदाज़ा मैथमेटिकल मॉडल से कैसे बनाया गया वह आपको जान लेना चाइये।
इस नतीजे पर पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने एक खास मॉडल का इस्तेमाल किया जिसे SUTAR सूत्र मॉडल कहा गया। ये मॉडल उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भविष्यवाणी करता है जिसके लिए के ख़ास कंप्यूटर प्रोग्राम मैं ये आंकड़े डाले जाते है , जिसमें कंप्यूटर देश मैं कोरोना की बढ़ती रफ़्तार के बारे मैं बताता है। ये मॉडल पिछले साल ही बनाया गया था। साथ ही भारत सर्कार भी इस मोडल के आधार पर आगे का अंदाजा लगाती है। इस मॉडल के ज़रिये अंदाजा लगाने वाली सरकारी कमेटी के तीन विशेषज्ञ और साइंटिस्ट है। जिसमें आईआईटी कानपूर के प्रोफेसर मनिंद्र अगरवाल , आईआईटी कानपूर की प्रोफेसर माधुरी कानितकर और आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर शामिल हैं।
पैनल के सदस्य मनिंद्र अगरवाल का कहना है महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश , कर्नाटक , मध्यप्रदेश , झारखण्ड , राज्यस्थान , केरल , सिक्किम , उत्तराखंड , हरियाणा , दिल्ली और गोवा मैं कोरोना की दूसरी लहर की पीक बीत चुकी है। मॉडल की माने तो देश मैं कोरोना की अगली लहर 6 से 8 महीनो मैं आ सकती है हालांकि ये भी बताया गया हैउ की इसके असर को कम किया जा सकता है। प्रोफेसर मनिंद्र अगरवाल के मुताबिक तीसरी लहर आने तक कई लोगों को टिका लग चूका होगा और लोगों मैं इम्युनिटी विक्सित हो चुकी होगी। अक्टूबर 2022 तक तो कम से कम तीसरी लहर नहीं आने वाली है लकिन उन्होने साथ मैं ये भी कहा है की अगर वक्सीनेशन प्रोग्राम अच्छे से चला तो भारत तीसरी लहर को रोक सकता है ।
