नमश्कार इंडिअजानकारी वेबसाइट पर आप सभी का स्वागत है। कोरोना को ख़तम करने के लिए अगर कोई विकल्प है तो वह है वैक्सीनेशण यानी टिका करन , लकिन भारत मैं वैक्सीनेशण की जो पूरी प्रक्रिया है उसकी हालत बहुत ही खराब है। भले ही हम पूरी दुनिया मैं सबसे बड़ा टिका करन अभियान चला रहे हैं , लकिन वह इतना धीमा है कि सबको टिका करन करने मैं कई साल लग जायेंगे। और ऊपर से सरकार ने वैक्सीनेशण को लेकर कई गलतियां भी कर दी हैं।
जिसमें पहेली गलती है कि वैक्सीनेशण का आडर लगाने मैं सरकर ने बहुत ही देरी कर दी है । इसके साथ ही करोडो वैक्सीन विदेशो मैं सप्लाई भी कर दी , जिसके कारन अब हमारे पास वैक्सीन पर्याप्त मात्रा मैं नहीं रही। हाल ही मैं जो सबसे बड़ी गलती सरकार की तरफ से समझ आ रही है वह है 1 मई से 18 के ऊपर वालो को वैक्सीनेशण की प्रक्रिया मैं शामिल करना। दरअसल भारत मैं वक्सीनशन प्रक्रिया पूरी करने के लिए 100 करोड लोगों को वैक्सीन लगाने की ज़रूरत है। 100 करोड लोगों को वैक्सीन लगाने का मतलब हुआ , 200 करोड़ वैक्सीन के दोसेस। लकिन भारत मैं अब तक सरकार ने 45 करोड़ वैक्सीन दोसेस का आर्डर लिया हुआ है। ऐसे मैं सरकार ने मई से 18 के ऊपर के लोगों को भी इस वैक्सीन को लगवाने की प्रतक्रिया मैं शामिल कर दिया है। अब दिकत यह है की 45+ वह लोग जिनको वैक्सीन लग रही थी उनको वैक्सीन नहीं मिल रही , साथ ही ऐसे भी लोग है 45 के ऊपर जिनको सिर्फ एक ही बार टिका करन हुआ है।
साथ ही 18 से उप्पेर वालों की रेजिजस्ट्रेशन हो रही है लकिन उनको टिका करन के लिए स्लॉट नहीं मिल पा रहा है। इस बात का एक सीधा उधारण महाराष्ट्रा से है जहां महाराष्ट्रा सरकार ने 18 से ऊपर वालो के लिए वैक्सीन बंद कर दी और सिर्फ 45 के ऊपर वालों को ही वैक्सीन लगाई जायेगी , जिसका कारन पर्याप्त मात्रा मैं वैक्सीन ना होना है। अगर एक नज़र रिकार्ड्स पर डाले तो पुरे भारत मैं अब तक करीब 17.5 करोड़ वैक्सीन लग चुकी है , इसमें 13.5 करोड़ लोग वह हैं जिनको वैक्सीन की पहेली डोज़ लग चुकी है और 3 करोड़ से ज़ादा वह लोग हैं जिनको २ डोज़ भी मिल गयी है।
16 जनवरी से भारत मैं टिका कारण अभियान शुरू हुआ , जिसमें सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स को लगाने की बात हुई। अब तक हेल्थ केयर वर्कर्स को 95 लाख से ज़ादा पहेली डोज़ लग चुकी है और वंही 64 लाख से ज़ादा को दुरी डोज़ लग चुकी है। अगर 1 मई से अब तक की बात करें तो 18 से 44 के लोगो को पहला डोज़ सिर्फ 20 लाख
लोगों को ही मिल पायी है।
