जैसा की आप सभी जानते है देश मैं कोरोना के हालत हर दिन बिगड़ते जा रहे है , ऐसे मैं मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र के सामने सवाल खड़े किये हैं। केंद्र सर्कार को मद्रास उच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को कोरोना वायरस महामारी के प्रबधन को लेकर केंद्र सरकार की अब तक, की गयी तयारियो पर सवाल खड़े किये हैं। मुख्य न्यायधीश संजीव बनर्जी की अगुवाई वाली दो जजों की खंडपीठ ने पुच्छा कि
पिछले 14 महीने से केंद्र क्या कर रहा है ? हम सर्फ अभी अप्रैल मैं ही करवाई क्यों कर रहे हैं, जबकि हमारे पास एक साल का वक़्त था ? पिछले एक साल मैं ज़ायदातर वक्त लॉकडाउन रहने के बावजूत हालात को देखें , हम सभी पूरी तरह से निराश और नाउम्मीद की हालत मैं हैं।
दरअसल इस से पहले भी इसी पीठ ने चुनाव आयोग को लेकर निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए कहा था कि
वह सबसे गैर जिम्मेदार संस्था है। निर्वाचन आयोग के अधिकारीयों के खिलाफ हत्या के आरोप मैं भी मामला दर्ज किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को रैलियां और सभाये करने की अनुमति देकर महामारी को फ़ैलाने का मौका दिया।
